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अर्धचक्र
एक वानर बैठा बान पर
करता आश्चर्य
किसने रंग दिया आकाश
और चिपका दिय़ा
जाखू शिखर पर?
समर्थ वाशिष्ठ
'वर्तमान साहित्य', 2001
अंग्रेज़ी में: Gyration
साथी
एक चीड़ थामे है
अपने इकलौते शंकु को
सुन्न हाथों में
और मैं खड़ा हूं नीचे
उसके गिरने की ताक़ में।
बैठी है शंकु पर एक किरण
क्या वह भी गिरेगी?
समर्थ वाशिष्ठ
'वर्तमान साहित्य', 2001
अंग्रेज़ी में: The Escort