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Saturday

शिमला 3

अर्धचक्र

एक वानर बैठा बान पर
करता आश्चर्य

किसने रंग दिया आकाश
और चिपका दिय़ा
जाखू शिखर पर?


समर्थ वाशिष्ठ

'वर्तमान साहित्य', 2001
अंग्रेज़ी में: Gyration

Tuesday

शिमला 2

साथी

एक चीड़ थामे है
अपने इकलौते शंकु को
सुन्न हाथों में
और मैं खड़ा हूं नीचे
उसके गिरने की ताक़ में।

बैठी है शंकु पर एक किरण
क्या वह भी गिरेगी?


समर्थ वाशिष्ठ

'वर्तमान साहित्य', 2001
अंग्रेज़ी में: The Escort