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मिट्ठूचालीसा - कविता और चित्र

चित्रकला मेरा क्षेत्र कभी भी नहीं रहा। बचपन में तमाम विषय मुझे हलवा लगते थे, पर चित्रकला में बार-बार फेल होते बचता।

बहरहाल, ये चित्र मैंने 2001 में शिमला के ऊपर अपनी एक कविता के साथ बनाया। बीच में कूची कई बार फिसली, तो छोटी बहन (अरण्या) ने इसे अंतिम रूप दिया। खासतौर पर तोता तो एक बार पूरा मुर्ग़ा लगने लगा था!

चित्र को हाई-रेसोल्यूशन में देखने के लिए यहां क्लिक करें।

बताएं कुछ बन पाया क्या। वैसे तो जीवन में दुबारा ये काम न करने के अपने प्रण पर सात साल से अडिग हूं।

और हां, वो कविता - मिट्ठूचालीसा - नीचे अंग्रेज़ी में है।



Mitthhuchalisa

On a leaf rests
a drop
and from within peeps
the sun.

So what, says Mitthhu
If Hanuman did
so can I!

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From Shadows Don't Live In Walls, 2004