Tuesday

पद्मश्री जयंत महापात्र

इस साल धोनियों और भज्जियों के बीच पद्मश्री की सूची में जयंत महापात्र का भी नाम है। बहुत देर से और कम ही सही फिर भी! वे अब 81 साल के हो चुके हैं। 'चंद्रभागा' का प्रकाशन, जहां तक मैं जानता हूं, अब स्थगित है। बहुत कुछ पहल की तर्ज़ पर। भारतीय कविता के लिए यह अपूरणीय क्षति होगी।

उनके बारे में मेरा पु्राना लेख यहां देखें|

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पुनश्च: जानता हूं ब्लॉग आजकल ठंडा है। फिर भी अगर आप यहां हैं तो धन्यवाद! एक दोस्त के शब्दों में कहूं तो - मंदी ने वॉट लगाई है रे बाबा! जल्दी मिलते रहेंगे अब, ऐसी आशा है।

2 comments:

Vinay said...

आप सादर आमंत्रित हैं, आनन्द बक्षी की गीत जीवनी का दूसरा भाग पढ़ें और अपनी राय दें!
दूसरा भाग | पहला भाग

महेन said...

ब्लॉग ठंडा है यह तो मैं कहने वाला था... आपने कह दिया.