'अकार' के ताज़े अंक के मेहमान संपादक जीतेन्द्र गुप्ता हैं। उनके निर्देश पर इंटरनेट के इस दशक के ऊपर एक लेख तैयार किया, जो कि 'अकार' में छ्पा है। इसे लिखते वक़्त ख़्याल रखा कि इंटरनेट के बारे थोड़ा जानने वाले लोगों को भी ये सुपाठ्य लगे।
पढ़कर बताएं कैसा बन पड़ा है। यहां से डाउनलोड करें!
2 comments:
अच्छा आलेख है समर्थ जी। मह्त्वपूर्ण जानकारियों से भरा।बहुत बहुत बधाई मित्र।
धन्यवाद, विजयजी!
Post a Comment