Showing posts with label samartha. Show all posts
Showing posts with label samartha. Show all posts

Wednesday

अंतत:...

सोचा एक नया चिठ्ठा शुरु कर ही दिया जाए। पहले भी कई किए, पर लगातार लिखता न रह सका। इस बार कोशिश करूंगा अपना कुछ अच्छा काम डालूं ताकि पाठकों की प्रतिक्रिया मिल सके। पहले पाठक मिलें इस बात की आशा है।

जल्दी ही और लिखता हूं।

हां एक बात और - द्विभाषी रखना चाहूंगा इस चिठ्ठे। ताकि अंग्रेज़ी में भी कुछ कविताएं और छिटपुट बांट सकूं।