1983 में नाभा, पंजाब में जन्म। सोचता हूं जब पैदा हुआ तो अनेक अपेक्षाओं में कविता लिखना तो नहीं ही रहा होगा। बहरहाल, काफ़ी सालों से लिख रहा हूं, या यूं कहें लिखने की कोशिश कर रहा हूं।
इसी दौरान अंग्रेज़ी में दो संग्रह छपे और शायद पढ़े भी गए। कई अच्छी पत्रिकाओं में छ्पने का अवसर मिला। आजकल नोएडा में Adobe Systems के साथ संबद्ध।
4 comments:
सुंदर रचना !
घुघूती बासूती
बहुत सुन्दर.
धन्यवाद, mired mirage और उड़न तश्तरी जी।
वो किरण शायद उठ कर फिर चली भी जायें मगर वो शंकू वंही रहेगा....
shanku ke baare mein bhee sochiye
sachmuch bahut khub..
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